Jharkhand News: झारखंड के जमशेदपुर पश्चिमी से जदयू विधायक सरयू राय ने हाल ही में अपने खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में दायर मुकदमे और न्यायालय के निर्णय को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि न्यायालय के फैसले को कुछ लोग गलत तरीके से बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहे हैं। सरयू राय का कहना है कि भ्रष्टाचार करने वालों को छूट मिलती है, जबकि भ्रष्टाचार उजागर करने वालों पर मुकदमे दायर किए जा रहे हैं। इसके बावजूद वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना अभियान बिना किसी हतोत्साहट के जारी रखेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ की गई शिकायत
सरयू राय ने बताया कि वह उच्च न्यायालय इसलिए गए थे क्योंकि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता उन्हें गिरफ्तार कराने के लिए सरकार की पूरी ताकत लगा रहे थे। उस समय न्यायालय ने उनके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करने का निर्णय लिया था और बाद में उन्हें जमानत भी मिली। उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद न्यायालय ने पुराने निर्णय को वापस ले लिया क्योंकि स्थिति बदल गई थी। यह मामला कोविड काल के दौरान मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा किए गए भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है।

कोविड कर्मियों की प्रोत्साहन राशि में भ्रष्टाचार का आरोप
सरयू राय ने आरोप लगाया कि कोविड के दौरान जान जोखिम में डालकर काम करने वाले कर्मियों को एक माह के वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय झारखंड मंत्रिपरिषद ने लिया था। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस राशि का एक हिस्सा खुद के लिए और अपने करीबी लोगों के लिए मनमाना बिल बनाकर कोषागार में भेज दिया। कुल मिलाकर 60 लोगों के नाम इस प्रोत्साहन राशि के लिए भेजे गए जो कि उनके भ्रष्टाचार को उजागर करता है।
भ्रष्टाचार उजागर करने पर राय पर मुकदमा
सरयू राय के अनुसार, जैसे ही उन्होंने यह भ्रष्टाचार उजागर किया, स्वास्थ्य विभाग ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि बन्ना गुप्ता के दबाव में यह मुकदमा उनके खिलाफ चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने उन पर कागजात चोरी करने का आरोप लगाया है जो कि सरयू राय का कहना है कि पूरी तरह से झूठा और गलत है। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प जताया है।
सरयू राय की अपील और जनता के प्रति संदेश
सरयू राय ने अपने बयान में कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका अभियान जारी रहेगा और वे हतोत्साहित नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि जनता को भी भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए जागरूक होना चाहिए और न्यायपालिका से उम्मीद रखनी चाहिए कि वे सही फैसले दें। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को उजागर करना आसान काम नहीं है, लेकिन यह जरूरी है ताकि सरकार में पारदर्शिता और ईमानदारी बनी रहे। जनता के समर्थन से वे इस लड़ाई को सफल बनाने का संकल्प लेते हैं।

