Jharkhand News: धनबाद के लोगों के लिए अच्छी खबर है जो निजी अस्पतालों के महंगे इलाज से बचकर सरकारी अस्पतालों पर भरोसा करते हैं। वर्तमान में 100 बेड का सदर अस्पताल जल्द ही 150 बेड वाले अस्पताल में तब्दील हो जाएगा। यह विकास स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अस्पताल में सुधार की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है ताकि यहां आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
मेडिकल कॉलेज बनने से अस्पताल होगा और बड़ा
सदर अस्पताल परिसर में जल्द ही एक मेडिकल कॉलेज भी बनाया जाएगा, जिससे अस्पताल की क्षमता 420 बेड तक बढ़ जाएगी। यह मेडिकल कॉलेज पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत बनाया जाएगा। केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है और राज्य सरकार से भी अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी है। इस कॉलेज के बनने से धनबाद के क्षेत्र में चिकित्सा शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा और मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी।

डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू
स्वास्थ्य विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अजय कुमार सिंह ने बताया कि डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए झारखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती की प्रक्रिया जारी है। जल्द ही अस्पताल में आवश्यक चिकित्सा स्टाफ की नियुक्ति हो जाएगी। यह कदम मरीजों को बेहतर देखभाल उपलब्ध कराने के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि डॉक्टरों की कमी के कारण इलाज में कई बार देरी होती है।
सदर अस्पताल का सौंदर्यीकरण और नई इमारतों का निर्माण
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि सदर अस्पताल परिसर का सौंदर्यीकरण 16 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इस योजना में कई नई इमारतों का निर्माण शामिल है जो अस्पताल की क्षमता और सुविधाओं को विस्तार देंगे। इससे न केवल मरीजों को बेहतर सेवा मिलेगी बल्कि अस्पताल का माहौल भी अधिक आरामदायक और पेशेवर बनेगा। इस परियोजना से धनबाद के स्वास्थ्य क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी।
कुपोषण उपचार केंद्र का उद्घाटन और आगामी सुधार
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सदर अस्पताल परिसर में बने मॉडल कुपोषण उपचार केंद्र का भी उद्घाटन किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने इस केंद्र के साथ-साथ अस्पताल के विभिन्न विभागों का भी जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल की वर्तमान स्वास्थ्य सेवाओं को संतोषजनक बताया। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले छह महीनों में यहां स्वास्थ्य सेवा में और भी कई बड़े बदलाव होंगे। धनबाद के डिप्टी कमिश्नर आदित्य रंजन की भी इस दिशा में प्रशंसा की गई।

