Jharkhand News: धनबाद के कोल माइंस प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (CMPF) कार्यालय में 142 व्यक्तियों को धोखाधड़ी से पेंशन भुगतान करने का मामला सामने आया है। जांच में ₹3 करोड़ 64 लाख 48 हजार 52 रुपये की पेंशन बकाया राशि भुगतान की पुष्टि हुई है। इस गंभीर मामले की जांच के लिए मुख्य सतर्कता आयोग ने जांच सीबीआई को सौंप दी है। इस खुलासे ने CMPF कार्यालय में व्यापक भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है।
जांच में सामने आए कई नाम और फाइलें गायब
CMPF सतर्कता विभाग की जांच में पता चला कि मार्च 2016 से सितंबर 2016 के बीच 142 पेंशन दावों को इलेक्ट्रॉनिक और इनक्रिमेंटल डेटा के आधार पर प्रोसेस किया गया था। लेकिन जब सतर्कता टीम ने संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय की फाइलों की मांग की तो 142 फाइलें नहीं मिलीं और एक पत्र में कहा गया कि फाइलों की संख्या उपलब्ध नहीं है। इससे पूरे मामले पर शक पैदा हो गया। बाद में 2022 से 2025 तक की फाइलों की गहन जांच में कई नाम सामने आए जिनमें तत्कालीन CMPF अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं।

किस-किस ने कितनी फाइलें तैयार कीं?
जांच में यह भी पता चला कि राजपुर ओसीपी (JHA-54) की 40 फाइलें अचिंत्य कुमार ने तैयार कीं, वहीं ईस्ट भगतडीह (JHA-55) की 30 और डोबरी (JHA-4) की 25 फाइलें भी उन्हीं के नाम हैं। चासनाला (JHA-34) की 31 फाइलें मंजीत कुमार के नाम, सुदमडीह वाशरी (JHA-26) की 9 फाइलें दीप कुमार के नाम, जबकि साउथ थर्ड (JHA-12) की 7 फाइलें अजय कुमार सिन्हा के नाम दर्ज हैं। इसके अलावा कई सेवानिवृत्त CMPF अधिकारियों के भी नाम जांच में आए हैं।
बैंकिंग प्रणाली में भी मिली गड़बड़ी
भ्रष्टाचार की जांच के दौरान पता चला कि पेंशन भुगतान कई बैंकों के माध्यम से हुआ है। इनमें यूको बैंक के जोराबोखर, झरिया और सुदमडीह शाखाएं, बैंक ऑफ इंडिया की बालीपुर और मन्नीदिह शाखाएं शामिल हैं। इस बड़े घोटाले में बैंक भी अपनी भूमिका से अछूते नहीं हैं। जांच टीम ने इन सभी बैंकों की पेमेंट ट्रांजैक्शंस को भी खंगाला है।
पेंशन भुगतान में बड़ी अनियमितताएं और कार्रवाई की तैयारी
सालाना विवरण की जांच में पाया गया कि 95 पेंशन सदस्यों के नाम वार्षिक वीवी स्टेटमेंट्स से मेल खाते हैं, लेकिन कई सदस्य ऐसे थे जिनके नाम स्टेटमेंट में नहीं थे या जिनके पेंशन योगदान पहले ही भुगतान हो चुके थे। बावजूद इसके उनके पेंशन भुगतान किए गए। इस वजह से ₹2.45 करोड़ की अनियमित पेंशन भुगतान राजपुर ओसीपी, ईस्ट भगतडीह और डोबरी में हुई। चासनाला में 31 फाइलों में लगभग 72 लाख, सुदमडीह में 9 फाइलों में 28 लाख और साउथ थर्ड में 7 फाइलों में 16 लाख रुपये की अनियमित पेंशन बकाया भुगतान हुआ। विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

