Jharkhand News: झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के भाजपा (BJP) के साथ गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शुक्रवार रात को झारखंड पहुंच गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक नड्डा ने राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक की है। भाजपा प्रवक्ता शिव पूजन पाठक ने बताया कि नड्डा ने देर रात सर्किट हाउस में पार्टी की राज्य कोर कमेटी की बैठक बुलाई। इस बैठक में आगामी रणनीतियों और राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई।
नड्डा के कई कार्यक्रमों में भागीदारी
शिव पूजन पाठक ने कहा कि नड्डा शनिवार सुबह बैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शताब्दी उत्सव के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, नड्डा देवघर में भाजपा कार्यालय का उद्घाटन करेंगे और राज्य के 12 जिलों के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। वे वर्चुअल माध्यम से गुमला के पार्टी कार्यालय का भी उद्घाटन करेंगे। शनिवार शाम नड्डा झारखंड से रवाना हो जाएंगे।

हेमंत सोरेन की दिल्ली यात्रा और गठबंधन की अटकलें
झारखंड के मुख्यमंत्री और JMM नेता हेमंत सोरेन ने हाल ही में दिल्ली का दौरा किया था, जिससे JMM और BJP के बीच गठबंधन की अटकलें तेज हो गई थीं। यह चर्चा भी हुई कि JMM भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना सकती है। हालांकि, JMM ने इन अटकलों को खारिज करते हुए किसी भी गठबंधन की संभावना से इनकार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
नड्डा का देवघर आगमन और भाजपा नेताओं ने किया स्वागत
जेपी नड्डा देवघर हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां भाजपा के राज्य अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और मधु कोड़ा ने उनका स्वागत किया। साथ ही, महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे और राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश भी नड्डा के साथ विमान में थे। इस बार नड्डा का दौरा भाजपा के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
झारखंड विधानसभा में भाजपा और JMM की स्थिति
झारखंड विधानसभा में कुल 81 सदस्य हैं। इनमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के 34 विधायक हैं। कांग्रेस के 16 विधायक हैं, जबकि राजद के 4 और CPI-ML(L) के 2 विधायक हैं। भाजपा के विधायक संख्या 21 है। NDA में लोजपा और जदयू के भी एक-एक विधायक शामिल हैं। इस प्रकार भाजपा और उसके सहयोगी दलों के पास विधानसभा में अच्छी स्थिति है, लेकिन सत्ता स्थिर करने के लिए गठबंधन जरूरी माना जाता है। झारखंड की राजनीति में आने वाले दिनों में गठबंधन को लेकर बड़े बदलाव की उम्मीद है।

