Jharkhand News: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा देवघर में दिए गए बयान के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने तीखा पलटवार किया है। झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा के नेता झारखंड की राजनीति को ठीक से समझते नहीं हैं इसलिए वे बेवजह हवा में तीर चला रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जेपी नड्डा को झारखंड को बिहार समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। भाजपा की झूठ बोलने वाली मशीन झारखंड को बदनाम करने की कोशिश कर रही है, पर जनता पूरी सच्चाई से वाकिफ है।
भाजपा की घुसपैठ की राजनीति पर झामुमो की प्रतिक्रिया
विनोद पांडेय ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक फायदे के लिए घुसपैठ का मुद्दा उठाकर लोगों को डराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि संथाल परगना की अस्मिता, संस्कृति और परंपरा को असली खतरा भाजपा की विभाजनकारी राजनीति से है न कि किसी बाहरी घुसपैठ से। उन्होंने भाजपा से सवाल किया कि जब केंद्र में उनकी सरकार थी, तब उन्होंने घुसपैठ को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए। यह सवाल भाजपा की नीयत पर बड़ा सवालिया निशान है।

नक्सलवाद और कानून व्यवस्था पर आरोप-प्रत्यारोप
झामुमो नेता ने कहा कि भाजपा के शासन काल में झारखंड में सबसे ज्यादा नक्सल हिंसा और आर्थिक अपराध हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने केंद्र और राज्य दोनों जगह मिलकर झारखंड को नक्सलियों के हवाले कर दिया। ऐसे हालात में भाजपा कानून-व्यवस्था की बात कर रही है तो वह जनता को गुमराह कर रही है। विनोद पांडेय ने कहा कि झारखंड में अपराध दर राष्ट्रीय औसत से भी कम है और यह तथ्य भाजपा के खिलाफ बोलता है।
भाजपा की कथनी और करनी में अंतर की निंदा
झामुमो महासचिव ने कहा कि भाजपा की बातों और कामों में जमीन-आसमान का फर्क है। उन्होंने कहा कि झामुमो ने अधिकारियों को जेल भेजने में कोई दखल नहीं दिया, यही हमारी पारदर्शिता का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि झामुमो सरकार ने किसी भी जांच में हस्तक्षेप नहीं किया और अगर किसी अधिकारी की गलती साबित होती है तो कानून अपना काम कर रहा है। इसके विपरीत भाजपा को बताना चाहिए कि कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में उनके भ्रष्ट अधिकारी कहां छिपे हुए हैं।
विकास कार्यों को देखने का सुझाव
अंत में विनोद पांडेय ने भाजपा नेताओं को सुझाव दिया कि वे संथाल, कोल्हान और पलामू के गांवों का दौरा करें और वहां हुए विकास कार्यों को देखें। उन्होंने कहा कि तभी भाजपा झारखंड की वास्तविक स्थिति को समझ पाएगी और झूठे आरोप लगाने से बचेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि भाजपा झारखंड की प्रगति को स्वीकार करेगी और राज्य की सामाजिक-सांस्कृतिक एकता को नुकसान पहुंचाने वाली राजनीति से बाज आएगी।

