झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सोमवार को सदन और बाहर विपक्षी एनडीए विधायकों ने छात्रवृत्ति भुगतान, धान क्रय और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण जनसरोकार के मुद्दों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। विधायकों का आरोप था कि पिछले तीन वर्षों से छात्रवृत्ति की राशि लंबित है, जिससे हजारों छात्र परेशान हैं और उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसके अलावा, किसानों से धान की खरीद बंद होने के कारण वे अपने उत्पाद को बेचने के लिए भटक रहे हैं जबकि सरकार ने कई बार खरीद के बड़े-बड़े दावे किए थे। एनडीए विधायकों ने कहा कि राज्य की सात निश्चय सहित कई विकास योजनाएं अभी तक धरातल पर नहीं उतर सकी हैं और बेरोजगारी की समस्या राज्य में चरम पर पहुंच चुकी है।
एनडीए के विधायकों जनार्दन पासवान, नीरा यादव, नवीन जयसवाल और राज सिंहा ने कल्याण मंत्री चमरा लिंडा पर छात्रहित की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार छात्रवृत्ति भुगतान में देरी कर छात्रों को मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान कर रही है। वहीं, किसान धान खरीद नहीं होने की वजह से आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। विधायकों ने मांग की कि सरकार तत्काल छात्रवृत्ति राशि का भुगतान करे और किसानों से धान की खरीद फिर से शुरू करे। उन्होंने यह भी कहा कि बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

वहीं, सत्तापक्ष की ओर से नगर विकास मंत्री सुदिव्य सोनू ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष राज्य और सरकार को नकारात्मक दृष्टिकोण से देख रहा है और उनकी राजनीति केवल सरकार को गढ़ने के लिए हो रही है। सुदिव्य सोनू ने दावा किया कि सरकार मजबूत है और विकास योजनाओं को तेज़ी से लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं और उनका असर आने वाले समय में दिखेगा। उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वे रचनात्मक राजनीति करें और विकास में सहयोग दें।
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी सदन में अपने बयान में संयुक्त परीक्षा बोर्ड और मेडिकल बोर्ड में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बोर्ड में घोटाले हो रहे हैं और पैसे लेकर बाहर के छात्रों को झूठे तरीके से दाखिला दिलाया जा रहा है। मरांडी ने कहा कि इस भ्रष्टाचार के कारण स्थानीय छात्रों को नुकसान हो रहा है और वे अपना भविष्य खो रहे हैं। उन्होंने सरकार से इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की जरूरत है ताकि छात्रों का शोषण बंद हो सके।
इस बीच कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने विपक्ष के छात्रवृत्ति मुद्दे पर विवाद खड़ा करने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, इसलिए वे केवल राजनीतिक लाभ के लिए छात्रवृत्ति योजना पर अनावश्यक विवाद मचा रहे हैं। कच्छप ने कहा कि सरकार लगातार छात्र हित में काम कर रही है और सभी योजनाओं का उद्देश्य राज्य के विकास और जनता की भलाई है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को चाहिए कि वे सरकार के साथ मिलकर राज्य की समस्याओं के समाधान के लिए काम करें, न कि राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दों को बढ़ावा दें।

