Jharkhand gas leak: झारखंड के धनबाद जिले के केन्दुआडीह इलाके में एक गंभीर गैस लीक की घटना हुई है जिसमें दो महिलाओं की मौत हो गई है। इसके अलावा कई अन्य लोग अस्पताल में भर्ती हैं। यह इलाका जमीन के नीचे कोयला जलने की समस्या से जूझ रहा है, जिसके कारण जहरीली गैसें बाहर निकल रही हैं। विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र में अत्यंत खतरनाक स्तर पर कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) गैस की मौजूदगी पाई है, जो सामान्य स्तर से लगभग 30 गुना अधिक है। इस गैस का स्तर 1,500 PPM तक पहुंच चुका है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
खतरे के मद्देनजर 1,000 लोगों का तत्काल पुनर्वास
स्वास्थ्य जोखिम को देखते हुए करीब 1,000 स्थानीय निवासियों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। इस गंभीर खतरे को समझते हुए आईआईटी-आईएसएम और डीजीएमएस की टीमों ने इस क्षेत्र का दौरा किया और इस स्थिति को गंभीर बताया। प्रभावित क्षेत्रों में तैनात तकनीकी टीमें हर प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए सतर्क हैं। जिला प्रशासन और भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) लगातार लोगों को इस खतरे से अवगत कराते हुए उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की सलाह दे रहे हैं।

प्रशासन और BCCL का प्रयास, लोगों को बचाने के लिए सतत कार्य
जिला प्रशासन और BCCL मिलकर प्रभावित इलाकों में निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। बुधवार को सूचना मिली कि तीन इलाकों – राजपूत बस्ती, मस्जिद मोहल्ला और क्षेत्र संख्या 5 – से गैस लीक हो रही है। ये क्षेत्र BCCL के पुटकी-बलिहारी कोलियरी के अंतर्गत आते हैं। इसके बाद BCCL ने लगभग 1,000 लोगों को पुनर्वासित करने का निर्णय लिया। धनबाद के उपायुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि शनिवार तक 400 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जा चुके हैं, लेकिन अभी भी कुछ लोग पुनर्वास का विरोध कर रहे हैं।
पुनर्वास में आ रही दिक्कतें और लोगों की हिचकिचाहट
हालांकि प्रशासन और BCCL द्वारा लोगों को पुनर्वास के लिए समझाने और प्रेरित करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन कुछ स्थानीय लोग अभी भी अपने घरों को छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि वे अपने रोजगार और जीवनयापन के साधन छोड़कर कहीं और नहीं जा सकते। इस स्थिति में प्रशासन को अतिरिक्त प्रयास करना पड़ रहा है ताकि लोग अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें और जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचें। विशेषज्ञ भी बार-बार आगाह कर रहे हैं कि यहां की गैस की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है और इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
सितंबर में हुई थी एक बड़ी दुर्घटना
इस गैस लीक से पहले सितंबर महीने में धनबाद के कतरास क्षेत्र के बाघमारा में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के खदान क्षेत्र में एक भूस्खलन दुर्घटना हुई थी। उस हादसे में एक सर्विस वैन जो मजदूरों को लेकर जा रही थी, 300 फीट से अधिक गहरे खाई में गिर गई थी। इस दर्दनाक हादसे में छह मजदूरों की मौत हो गई थी। यह घटना भी क्षेत्र में खदानों और भूमिगत खतरों की गंभीरता को दर्शाती है।

